Success Story in Hindi | उम्र सिर्फ नंबर है, इस बात को सच करने वाली IAS सिम्मी करन की सक्सेस स्टोरी

Success Story in Hindi |उम्र सिर्फ नंबर है, इस बात को सच करने वाली IAS सिम्मी करन की सक्सेस स्टोरी

भारत में प्रतिभा लोगो की कमी नही हैं। और जब बात उम्र की हो तब तो क्याही कहना, उम्र तो बस एक नंबर है। इस बात कोंसाच कर दिखाया है उड़ीसा की रहने वाली सिम्मी करन ( Simmi Karan) ने। जिन्होंने सिर्फ 22 साल की उम्र में ही यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा को पास करके ये साबित कर दिया है।

IAS सिम्मी करन image

 

 

अगर मन में दृढ़ निश्चय और संकल्प हो तो कठिन कार्य को भी सरल तरीके से किया जा सकता है। यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा कठिन परीक्षाओं में एक माना जाता हैं। ऐसे में जहां 22 साल की उम्र में विद्यार्थी को ये नहीं पता होता की आगे का गोल क्या होगा, वहीं दूसरी ओर सिम्मी करन ने अपनी अलग ही स्ट्रेटजी से इस परीक्षा को पास कर लिया।

 

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Success Story of Simmi Karan:

सिम्मी करन उड़ीसा की रहने वाली है। उन्होंने अपना ग्रेजुएशन इन्जेनरिंग सेक्टर से किया। और इसके बाद यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा ( UPSC Civil Service Exam) की तैयारी में जुट गई और उन्हें सफलता भी मिली।

 

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विस परीक्षा (CSE) में हर साल लाखों लोग बैठते हैं। और उनमें से ज्यादातर लोग 24 से 30 साल के होते है। न्यूनतम इस परीक्षा को पास करने के लिए 21 वर्ष की जरूरत होती है। कई लोग असफल होते है। और कई लोग सालो तक देते रहते है। इन सारी बातो को दर किनार करते हुए आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) से पढ़ाई करने वाली सिम्मी करन ने अपनी मेहनत से पहली ही प्रयास में आईएएस अधिकारी (IAS Officer) के नाम को अपने हिस्से में कर लिया।

 

अब सिम्मी करन एक आईएएस अधिकारी बन कर अपने पद और जिम्मेदारी को बहुत अच्छे से संभाल रही है। सिम्मी बताती है की जब वो आईआईटी में इंटर्नशिप कर रही थी तब उन्हे एक टास्क के दौरान एक स्लम में छोटे छोटे बच्चो को पढ़ना था। और वहां के बच्चो को हालत देख कर सिम्मी ने अंदर ही अंदर मन बना लिया की उन्हे इन गरीब और जरूरतमंद बच्चों की मदद करनी है। और तब से उनका एक ही लक्ष्य था आईएएस अफसर बनना।

 

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धृढ़ निश्चय किया और यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी में लग गई। और महज 22 साल की उम्र में इस कठिन परीक्षा को पास कर लिया। और सभी के लिए एक प्रेरणा का श्रोत बन गई हैं।

 

सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कैसे की

सिम्मी करन मूल रूप से ओडिशा से है। और उनका बचपन छतीशगढ़ के भिलाई में ही बीता है। सिम्मी करन की मां एक शिक्षिका थी और उनके पिता एक स्टिल प्लांट में काम करते थे। और इस वजह से उनका स्कूल की पढ़ाई भिलाई में ही हुई। वर्ष 2019 में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 31 प्राप्त किया और अपने नाम आईएएस अधिकारी का पद किया।

 

शुरुआत के दिनों में इन्हे सिलेबस और इंटरव्यू के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। इसलिए इन्होंने टॉपर्स के इंटरव्यू को देखा और सिलेबस (Syllabus) को समझा। फिर उन्होंने सारे सिलेब्स को अच्छी तरह पढ़ा। अपने सिलेबस को अच्छी तरह से जानने के बाद उससे जुड़ी किताबो को एकत्र कर लिया और तैयारी में जुट गई।

 

सिम्मी करन की माने तो उन्होंने अपने सिलेबस को छोटे छोटे हिस्सो मे बाट लिया। इससे उनको पढ़ने में आसानी हुई। और वो सारे सिलेब्स को अच्छे से कवर कर पाई। एक बार पूरा सिलेबस कवर कर लेने के बाद उन्होंने अपना रिवीजन लगातार जारी रखा। आमतौर पर लोग सिलेबस को एक साथ करने की कोशिश करते है। और फिर उसको पूरा नहीं पाते। जिसके वजह से उन्हें सिलेबस पूरा करने में परेशानी होती है। और रिवीजन के लिए टाइम नही निकल पाते।

 

जितने भी यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थी है। उन सभी से सिम्मी करन यही कहती है। की उन्हे सिलेबस को हिस्से में बाट कर पूरा करना चाहिए। और रिवीजन लगातार करते रहना चाहिए। और एक बात का खास ख्याल रखे की इस परीक्षा में किताबो को सीमित रखने की जरूरत है। किताबे सीमित रखे और उन्हें बार बार रिवीजन करे। क्योंकि यूपीएससी क्लियर करने के लिए रिवीजन की खास आवयश्कता है, ये कहना सिम्मी करन का है।

 

सिम्मी करन सभी विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा है। और उनकी बताई हुई बात पर हमे अमल करने की जरूरत है।

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