Real life story of woman:- FITTERS( बेड़ियां)- PART 2 | भारत में महिलाओं की वर्तमान स्थिति

Real life story of woman:- FITTERS( बेड़ियां)- A Truth PART-2 | भारत में महिलाओं की वर्तमान स्थिति

Real life story of woman in hindi
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        Real life story of woman:- FITTERS( बेड़ियां)- A Truth PART-2    (बेड़ियां- पार्ट 2)

 

 

 हेल्लो दोस्तों, मेरे ब्लॉग STORY OBSESSION पे आप सबका स्वागत है।

आज मै FITTERS (बेड़ियां) कहानी के पार्ट -2 को लेकर आई हूं। Real life story of woman:- FITTERS( बेड़ियां)- A Truth PART-2 by Akanksha Kashyap  

पार्ट 1 में मैंने शादी के पहले की ज़िन्दगी में क्या क्या मुश्किलें और बेड़ियों का सामना करना पड़ता है मैंने इसके बारे में बताया था और आज इस पार्ट मै शादी के बाद आने वाले मुश्किलों और बेड़ियों कि बात करूंगी । अगर आपने नहीं पढ़ा है उस कहानी को तो जरूर पढ़ी link👉https://www.storyobsession.com/2021/05/non-fiction-story-in-english-fetters.html

 ये कहानी मेरी एक सहेली की है जो दिल की बहुत अच्छी है और शायद यही उसकी पैरो की बेड़ियां बन गई  और लोगो कि नजरों में कमजोरी भी।। 

मेरे बहुत करीब है, मुझे बहुत प्यार करती है। मुझसे दो साल की बड़ी है और इसीलिए उसकी शादी हो गई।  और आज तो उसका एक बेटा भी है जो बहुत प्यारा है। दिन भर उसी के साथ खेलते हुए कैसे बीत जाता है पता ही नहीं चलता । पर ये तो एक बात हुई जो हमे देखना पसंद है एक शादी शुदा लड़की की  ज़िन्दगी में, पर की बस इतनी ही ज़िन्दगी है, यही तक सिमट जाती हम लड़कियों को खुशियां? 

जवाब बड़ा वाला ‘ ना ‘ ही होगा।

रेखा नाम है मेरी दोस्त का, बचपन से ही हम एक दूसरे को जानते है । मै उसके लिए उसकी चोटी बहन की तरह हूं, रिश्ते में तो दोस्त है पर प्यार बहन की तरह करती है। 

गोरी है, पर ज्यादा लंबी नहीं और इसीलिए उसके माता पिता हमेशा उसकी शादी को लेकर परेशान रहते थे क्यूंकि आज कि दुनिया में सबको लंबी और गोरी लड़की चाहिए होती है। फिर चाहे वो दिल की अच्छी हो या बुरी उससे क्या फर्क पड़ जाएगा । दिखावे की दुनिया है, यहां सच नहीं जूठ बिकता है और इस बात से हर एक सक्स रूबरू है।  Real life story of woman:- FITTERS( बेड़ियां)/ PART-2 

रेखा के बाल बहुत लंबे है और काले भी जो उसकी खूबसूरती को और निखारते है। उसके दांत थोड़े से बाहर निकले हुए है और इसीलिए मेरी मां का मानना है कि जिस लड़की के दात निकले होते है हो भाग्यशाली होते है। 

पहले के लोगो कि एक अलग ही धारणा है जो कहीं ना कहीं अपने आप में सवाल भी है जैसे :- अगर दात बाहर है तो भाग्यशाली है, गालो पे डिंपल है तो सास बहुत मानेगी और अगर ऐसा नहीं है तो नहीं मानेगी। Real life story of woman:- FITTERS( बेड़ियां)- A Truth PART-2 by Akanksha Kashyap  

 कहानी में आगे बढ़ते है रेखा, स्वभाव की बहुत सांत और अच्छी थी। गुस्सा बहुत कम करती है और सभी से अच्छे से बात करती है। लड़ाई झगड़े से बहुत दूर रहती है । एक लाइन में बोलू तो एक आज्ञाकारी बेटी है।

शादी के बाद की पहली  बेड़ि  क्या आती है :-

आज वो 24 साल की है और उसकी शादी एक साल पहले हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद ही ससुराल में वो सबसे घुल मिल गई और अपने ससुराल को ही अपनी दुनिया बना ली। लेकिन, कहते है ना कि आखिर ससुराल तो ससुराल ही रहेगा ये मायके को जगह कभी नहीं ले सकता ।

रेखा अपने ससुराल में बड़ी बहू के रूप में आई थी और इसीलिए घर की बड़ी बहू होने के नाते उसका फ़र्ज़ बढ़ जाता है।     लेकिन, ज़रा सोच के बताएं क्या घर का बड़ा होना कोई पाप तो नहीं फिर हमारे देश में इसे इतना बड़ा क्यों बना दिया है कि अगर तुम बड़े हो तो तुम्हे कोई गलती करने का हक़ नहीं है, तुम्हे कहीं जाने का हक़ नहीं है , तुम्हे सारी ज़िम्मेदारी सही तरीके से निभानी है। 

मै ऐसा इसलिए कह थी है क्युकी शादी के बाद हर नया जोड़ा कहीं घूमने जाता है, कुछ वक्त बीतता है एक दूसरे के साथ ताकि एक दूसरे को समझे और ज़िन्दगी बोझ ना लगे बल्कि खूबसूरत लगे।।  लेकिन, ऐसा रेखा ओर उसके पति को करने की इजाज़त नहीं मिली । वजह बस इतनी सी थी थी ये बड़े थे और ये कह के रोक दिया गया कि अभी तो सारी उम्र पड़ी है घूमने के लिए, फिर कभी चले जाना। ” और ये पहली बेड़ि थी “।।  आज शादी के दो साल है गए ओर आज भी यही सुनने को मिल रहा है कि फिर कभी चले जाना।। 

जहां शादी से पहले एक लड़की अपने मां पापा से पूछना भी पसंद नहीं करती बस बता कर निकल जाती है कि वो घूमने जा रही है अपने दोस्तो के साथ, और भी वगैरह वगैरह…।। वहीं आज अपनी मर्जी से एक काम नहीं कर सकती ।

आज हम उस समाज का हिस्सा है जहां दिखान के लिए तो हमारी सोच एडवांस और फॉरवर्ड है। हम लड़कियों को पढ़ाने में विश्वास करते है, उन्हें उचाइयों को छूना सीखा रहे है पर सोच…सोच आज भी हमारी वैसी की वैसी ही है।। घर से  बहू को नहीं निकालना चाहिए, उन्हें जायदा बोलना नहीं चाहिए, उन्हें अपनी बात रखने का कोई हक़ नहीं है और भी बहुत कुछ..।। 

सारे घरों मै ऐसा नहीं है और ना ही सभी के साथ ऐसा होता है पर ज्यादातर घरों में आज भी ऐसी सोच के लोग रहते है।

मै ये भी नहीं कह रही की बड़ों की बातो का उलघन करना करना चाहिए या उनकी कोई बात नहीं माननी चाहिए पर..,  

Real life story of woman:- FITTERS( बेड़ियां)- A Truth PART-2

 

हमे सिक्के के दूसरे पहलू को देखने की भी ज़रूरत है। जब एक लड़की अपने सारे घर वालो को छोड़ कर एक अंजान घर में आती है और आंखों में हजार सपने होते है। और उन सपनों को बड़े होने फ़र्ज़ बता कर या कुछ और वजह से टाल दिया जाए तो कैसा लगेगा । ये तकलीफ हर कोई नहीं सह सकता और ना है हर कोई महसूस कर सकता है, ये सिर्फ वही जान सकता है जिसके साथ वो गुजरता है।।

खैर आगे बढ़ते है,रेखा के पति कोई नौकरी नहीं करते । उसके ससुर जी घर का खर्च उठाते है। और इसीलिए उसकी सास और ननद का कहना है कि जब तुम्हारे पति नौकरी करेंगे तब जाना  घूमने या कहीं भी जाना हो तो..।। थोड़ी हैरानी होती है कि आखिर ऐसे कैसे कोई कर सकता है पर.. ये सच है।

दरअसल हुआ ये था कि रेखा की बड़ी बहन रूबी से रेखा के पति की शादी तय होती थी। पर उसकी बड़ी बहन शादी नहीं करना चाहती थी। पर उसके पिता का दवाब था कि शादी करनी ही है पर बहुत दबाव डालने पर भी रूबी नहीं मानी लेकिन तब तक ये बात सारे घर वालो में फैल गई थी कि शादी तय हो चुकी है और इसीलिए रेखा की शादी इस लड़के से हुई जिससे रूबिं की शादी होने वाली थी।

कितनी अजीब बात है कहने को तो हम पढ़े लिखे और ज्ञानी लोग है, आज चांद पे पहुंच गए हैं पर लड़कियों को आज भी उन्हीं के घर में बेड़ियों से बाध कर रखा जाता है। 

छोटी छोटी चीजों के लिए ताने मिलते है रेखा को, भेदभाव किया जाता है उसके साथ। दिखाने के लिए लिए पूरी दुनिया जानती है कि उसके घर में किसी चीज़ की कमी नहीं है पर उसे हर चीज़ का हिसाब देना पड़ता है। 

ये कहानी सिर्फ एक लड़की की है और हमारे देश मे ऐसी ना जाने कितनी लड़कियां है जिसकी कहानी रेखा से मिलती जुलती है और शायद इससे भी जायदा बुरा। 

बच्चे होने के बाद की बेड़ियां :-  (Real life story of woman:- FITTERS( बेड़ियां)/ PART-2 )

 1. अभी तो बच्चे को मां की सख्त जरूरत है अभी कैसे कहीं जा सकती है।

2. बच्चे को मां के साथ वक्त बिताना चाहिए, जैसे मां को छोड़ कर सभी को चिंता हो रही है..।

3. क्या कह थी हो..😱 काम करोगी वो भी घर के बाहर जा कर और घर को को संभालेगा, तुम्हारे इस छोटे से बच्चे को को संभालेगा.।।जैसे हर ज़िम्मेदारी सिर्फ मां की ही होती है।

4. मान लिया की काम कर भी लो, फिर अगर बच्चे हाथ से निकाल गए तो क्या करोगी..।। अपने बारे में हीं सोचना था तो बच्चे करने की क्या ज़रूरत थी, जैसे बच्चे ना होकर को से बड़ा पाप कर दिया हो जिसके होने के बाद हर सपने को छोड़ना ही विकल्प है।। वगैरह वगैरह…….. 

आज रेखा अपनी इन्हीं बेड़ियों के साथ जी रही है पर ज़िन्दगी से कोई शिकायत किय बिना क्युकी वो सिर्फ अपनी सोच बदल सकती है दूसरो की नहीं..।।

हम जानते तो सभी है की ये क्या है और क्यों होता है हमारे घरों में पर कोई इसके बारे में बात नहीं करना चाहता। हम जहां एक तरफ लड़की को देवी का रूप कहते है वहीं दूसरी तरफ उसके साथ ऐसा सुलूक करते है और उफ़ तक नहीं करते और बात यही तक नहीं रुकती कहीं कहीं तो ससुराल वाले बहुत सान से कहते है कि इसमें गलत क्या है, लड़की का तो काम ही ये हैं, अपने बच्चे और परिवार का ख्याल रखना।।

 पर हमे ये समझने की ज़रूरत है कि एक औरत हर रिश्ते से ऊपर एक इंसान भी है ओर उसकी भी कुछ ख्वाहिशें है,कुछ सपने है ओर सपने देखने का और उसको पूरा करने का हक़ सबको बराबर है।। कोई एक उसको नहीं बता सकता की एक औरत क्या करे या क्या करना चाहिए।।Real life story of woman:- FITTERS( बेड़ियां)- A Truth PART-2 by Akanksha Kashyap  

निष्कर्ष :-

1. हमें हर किसी को उसकी ज़िन्दगी का फैसला खुद लेने देना चाहिए।

2. किसी को खुशी नहीं से सकते तो कम से कम कोई तकलीफ तो ना दे।

3. तीसरा पर आखरी नहीं, हमे सबसे पहले अपने घरों में इस बेड़ियों को खोलना होगा फिर किसी ओर से अपेक्षा कर सकते है ओर अपनी मर्जी किसी पे थोपना नहीं चाहिए नहीं तो इसका अंजाम बुरा भी हो सकता है।।

खैर, दोस्तो तो ये तो थी मेरी  सोच, आपकी क्या राय है ये हमसे  ज़रुर साझा कीजिए, हमे comments करके बताए की आप क्या सोचते है इस बेड़ियों के बारे में ।।Real life story of woman:- FITTERS( बेड़ियां)- A Truth PART-2 by Akanksha Kashyap  

और आपको सभी को ये कहानी कैसी लगी ये हमे ज़रूर बताए।

अगर आपको मेरी लिखी कहानी पसंद आती हो तो please share this your loved one’s.  आपके कीमती समय के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

घर में राहिय, सुरक्षित रहिए।।

मिलते है जल्दी ही अगली कहानी मै तब तक के लिए , goodbyehttps://amzn.to/3CNozHJ

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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