World No Tobacco Day 2022: तंबाकू का सेवन मतलब अपनी जान हथेली कर लेकर घूमना है। ये हर एक इंसान जानते है, लेकिन फिर भी इसका सेवन बड़ी संख्या में लोग करते है। इसके अनेक रूप है जैसे बीड़ी, सिगरेट, गुटका, पान इत्यादि। जितनी चीज सेवन करते है उतनी ही बीमारियां होने की संभावना होती है और खतरा भी रहता है।
World No Tobacco Day
और यही वजह है की लोगो को तंबाकू जैसे द्रव्य का सेवन करने से रोकने के लिए हर साल 31 मई को दुनियाभर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मतलब की वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाने लगा। आज के इस ब्लॉग पोस्ट में मैं आपको ये बताऊंगी की इसे मनाने की शुरुआत कब हुई थी और कैसे हुई थी। इसके साथ ही ये क्यों मनाया जाता है इस पर भी विस्तार में बात करेंगे।
कब हुई थी विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की शुरुआत?
तंबाकू का सेवन करने वाले की संख्या जितनी जुड़ा है उतनी ही इसके सेवन से होनी वाली मौतों में भी अधिक बढ़ोतरी हुई है। इस गंभीर समस्या को देखते हुए, विश्व स्वास्थ संगठन यानी की वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने इसकी शुरुआत की। इसकी शुरुआत सबसे पहले साल 1987 में हुआ था और तब ही इसका नाम विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में रखा है। हालांकि, पहली बार सात अप्रैल 1988 को इसे मनाया गया लेकिन, बाद में इसे बदल कर 31 मई को कर दिया गया। और तब से हर साल 31 मई को हो मनाया जाता है।
वर्ल्ड नो टोबैको डे
World Anti-Tobacco Day Theme 2022 | विश्व तंबाकू निषेध दिवस थीम 20
विश्व स्वास्थ संगठन यानी कि डब्ल्यूएचओ ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के लिए 2022 के वैश्विक थीम की घोषणा कर दी है – “तंबाकू: हमारे पर्यावरण के लिए खतरा।” (“Tobacco: Threat to our environment.”). इस अभियान का उद्देश्य है, तंबाकू से होने वाले पर्यावरणीय प्रभाव जैसे खेती, उत्पादन, वितरण और कचरे से जनता के बीच जागरूकता को बढ़ावा देना है। तंबाकू उपयोगकर्ताओं को छोड़ने का एक महत्वपूर्ण कारण देता है।
तंबाकू के सेवन से कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा रहता है?
डॉक्टर्स और स्पेशलिस्ट की माने तो तंबाकू के सेवन से कई जानलेवा और हानिकारक बीमारी होती है। इससे होने वाली कुछ ऐसी बीमारी शामिल है जो बहुत दर्दनाक ही होता है, जैसे की फेफड़े का कैंसर, लीवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और हृदय रोग जैसी खतरनाक बीमारी होने का आसार होता है।
धूम्रपान के प्रभाव | World No Tobacco Day 2022
धूम्रपान के सेवन से खांसी और गले में जलन उत्पन्न होती है। सांसों की दुर्गंध ऐसी होती है की कोई साथ में रह नही सकता और कपड़े भी बदबू देते है। तव्चा ने रूखापन और दांते काफी गंदी हो जाती है। अगर कोई स्त्री उसका सेवन करती है और वो गर्भ से है तो भ्रूण की स्थिति गंभीर हो जाती है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक तंबाकू अपने आधे काम करने वाले अंगो को मार देता है। तंबाकू से हर साल 80 लाख से ज्यादा लोग की जान चली जाती है। लगभग 130 करोड़ लोग है जो इसका सेवन करते है, जिसमे 80 प्रतिशत लोग मध्य या निम्न वर्ग के लोग होते है।
धूम्रपान करने वालों में कोरोना से मौत का खतरा अधिक
Anti-tobacco day 2022
कोरोना का दौर अभी तक खत्म नहीं हुआ है। और जब से इसने दस्तक दी है, लोगो के बीच एक हड़कंप सी मच गई है। इसकी गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ संगठन ने यह चेतावनी दी थी सिगरेट, गुटका और तंबाकू खाने वाले लोगो को कोरोना का खतरा 50 प्रतिशत ज्यादा होता है। इसलिए कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए धूम्रपान जैसे तंबाकू का सेवन न करे तो ही अच्छा है।
इस ब्लॉग पोस्ट में जो भी जानकारी दी गई है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर लिखी गई है। लेख में दी गई सूचना व तथ्य आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किए गए हैं। किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण हों अथवा आप किसी रोग से ग्रसित हों तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
FAQ
Q1.31 मई को कौन सा डे मनाया जाता है
Ans. तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है
Q2. सबसे पहले नंबाकू निषेध दिवस कब मनाया ग
Ans. 31 मई 1988 को मनाया गया
Q3. तंबाकू विरोधी दिवस का आयोजन कौन करता है
Ans. विश्व स्वास्थ संगठन (WHO
Q4. तंबाकू में कौन सा पदार्थ नशा उत्पन्न करता है
Ans. निकोटिन नामक पदार्थ
Q5. WHO ने सभी तंबाकू विज्ञापन प्रमोशन आदि पर बैन कब लगाया
Ans. 1987 से
Q6. राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार भारत में कितने प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते है
Ans. 36 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते हैं
Q.7 दुनियां का वो पहला कौन सा देश है जिसने सार्वजनिक जगह पर तंबाकू के सेवन पर पाबंदी लगा
Ans. भूटान ने सबसे पहले तंबाकू को सख्त रूप से सार्वजनिक जगह पर प्रतिबंधित किया है। 2004 में तंबाकू पर पूरे देश में प्रतिबंध लगा दी गई थी। सीमित मात्रा में इसके सेवन की अनुमति थी लेकिन साथ ही इसपर भारी टैक्स भी लगाया गया था। 2005 में भूटान में किसी भी कोई भी सार्वजनिक जगह पर तंबाकू के सेवन पर रोक लगा दी गई थी। इस तरह भूटान तंबाकू पर रोक लगाने वाला पहला देश बन गया। यही नहीं, 2010 में भूटान में तंबाकू के उत्पादन और इसकी खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगा दी गई थी।
अंतिम कुछ बाते
तंबाकू हमारे शरीर के लिए कितना खतरनाक है ये तो आपको इस ब्लॉग पोस्ट, (World No Tobacco Day 2022 | विश्व तंबाकू निषेध दिवस: कब और क्यों मनाया जाता है?) से समझ आ ही गया होगा। अगर आपके जान पहचान या कोई करीबी तंबाकू का सेवन करता है तो उसे आज ही सतर्क करे।
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